सर्वमंगला मां बेला भवानी शक्तिपीठ बेलौन की है मान्यता
नरौरा, बुलंदशहर : सर्वमंगला मां बेला भवानी शक्तिपीठ नरौरा गंगा किनारे से चार किलोमीटर की दूरी पर दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। स्थानीय एवं दूर दराज के श्रद्धालुओं की आस्था एवं निष्ठा का तीर्थ है। यहां मां के दर्शन के लिए दरबार में पूरे वर्ष श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है, लेकिन नवरात्रों में मां के दरबार में भव्य मेला लगता है। यहाँ पूरे नवरात्र मां के भवन में हवन होता है। वहीं सच्चे मन से मां के दरबार में फरियाद लगाने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मंदिर का इतिहास
सर्वमंगला मां बेला भवानी शक्तिपीठ के बारे में प्राचीन गर्ग संहिता में भी उल्लेख है। कहा जाता है कि एक बार मां पार्वती ने भगवान शिव से समस्त धर्मग्रंथों के महत्व जानने की इच्छा प्रकट की। इतना सुनकर भगवान शिव ने मां पार्वती से कहा कि हे देवी गंगा किनारे स्थित वृद्धकेशी सिद्धपीठ वर्तमान में नरवर से चार मील दूर विल्वकेश वन वर्तमान में बेलौन है तुम वहां जाओ। कलयुग में तुम्हें इन समस्त ग्रंथों के महत्व का पूर्ण ज्ञान होगा। इसके बाद मां पार्वती बेलौन में पत्थर की मूर्ति के रूप में प्रतिष्ठित हो गई। एक रात्रि मां ने ग्वालियर नरेश को स्वप्न में दर्शन देकर अपने पत्थर रूप में प्रतिष्ठित होने की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने मां के मंदिर का निर्माण कराया।
मंदिर का विशेष महत्व
सर्वमंगला माँ बेला भवानी शक्तिपीठ बेलौन मंदिर में प्रतिदिन प्रात: एवं संध्या कालीन आरती के बाद ही मां के दर्शनों के लिए पट खोले जाते हैं। नवरात्रि में त्रयोदशी के दिन मां के भवन का विशेष श्रंगार होता है। हरे नारियल की भेंट चढ़ाई जाती है। रात्रि बेला में हवन होता है।